इसके अतिरिक्त महामहित राज्यपाल महोदय के अभिभाशण पर धन्यवाद प्रस्ताव के भाशण पर बोलते हुए बांसवाड़ा से आने वाले माननयी विधायक अर्जुन बामनिया जी द्वारा यह कहा गया कि सरकार ने दो रूपए किलो में बीपीएल परिवारों को 25 किलो गेहूं उपलब्ध कराकर बहुत ही नेक काम किया है। परंतु धरातल की हकीकत यह है कि पूर्व में इन परिवारों को 35 किलो गेहूं मिला करता था जिसमें 10 किलो की कटौती इस सरकार ने की है। इसके अतिरिक्त 25 किलो गेहूं ना दिया जाकर 15 किलो गेहूं दिया जा रहा है व 10 किलो आटा जबरदस्ती बीपीएल परिवारों को दिया जा रहा है जिसकी कीमत 2 रू नहीं है। जब विधायक अनीता भदेल ने माननीय बांसवाड़ा से आने वाले सदस्य को टोकते हुए यह बात कही तो मंत्री महोदय ने उठकर जवाब दिया कि माननीय सदस्या आप सही नहीं कह रहीं। मैं अजमेर की यात्रा पर गया था और मैंने 25 किलेा गेहूं देने का आदेष दिया है, तब विधायक अनीता भदेल ने यह बात कही कि अजमेर में मंत्री महोदय आपका आदेष नहीं चलता वहां तो हमारे डीएसओ का ही आदेष चलता है। आप अभी अजमेर फोन करें ओैर किसी भी राषन डीलर के नंबर पर बात कर इस बात की सत्यता का पता लगाएं। अजमेर में डीएसओ अपनी मनमर्जी से आदेष निकालता है। सरकार के मंत्रियों का आदेष क्या है इसकी परवाह उसे नहीं है।
जमीनी हकीकत से मंत्री वाकिफ नहीं है यह सरकार की कौनसी गुड गवर्नैन्स है हमें तो पता नहीं। यह कहने के बाद विधानसभा में मंत्री महोदय से जवाब देता ना बना। जबकि अषोक गहलोत के बजट भाशण वर्श 2010-2011 के पैरा नंबर 137 पर स्पश्ट उल्लेख है कि 2 रूपए प्रति किलो की दर से गेहूं बीपीएल परिवारों को उपलब्ध कराया जाएगा।
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