जिला कलेक्टर श्रीमती मंजू राजपाल ने सभी अधिकारियों को ग्राम पंचायत में कराये गये खरंजा निर्माण, ग्रेवल सड़क, इन्दिरा आवास योजना, भारत निर्माण राजीव गांधी सूचना सेवा केन्द्र, चारागाह नाड़ी, हेमावली रपट, संपर्क सड़क आदि कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि अजमेर जिले में अब तक 3 लाख 95 हजार 802 श्रमिकों को जॉब कार्ड जारी किये गये हैं। उन्होंने श्रमिकों के मजदूरी भुगतान, मनरेगा कार्य संरचना, ग्राम सभाओं के आयोजन में ग्रामीणों की भागीदारी और इसमें प्राप्त होने वाली शिकायतों के निस्तारण प्रबंधन के बारे में बताया।
झारखड़ के उपायुक्त शशि रंजन प्रसाद ने ग्रामीणों से बातचीत कर ग्राम पंचायत में कराये गये कार्यों को रुचिपूर्वक देखा और कहा कि मैं नया हूं, आपके जिले में मनरेगा में काफी अच्छा काम हुआ है।
खुली चर्चा में ग्रामवासियों ने बताया कि गांव के विकास के लिए सभी ग्रामवासी मिलजुल कर निर्णय लेते हैं और प्राथमिकता तय कर कार्य कराये जाते हैं। इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद सुरेश सिंधी, अधिशासी अभियंता शरद गेमावत ने भी अधिकारियों को कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया। अधिकारियों के दल ने ग्राम पंचायत कड़ेल में मनरेगा के तहत बनाये गये भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्र के भवन तथा ग्राम रेवत में चल रहे खरंजा व ग्रेवल सड़क निर्माण कार्यों का अवलोकन किया और मौके पर मौजूद श्रमिकों से बातचीत कर स्थिति को जाना। इससे पूर्व अधिकारियों के दल ने प्रजापिता ब्रह्मा मंदिर के दर्शन किये और सरोवर की पूजा-अर्चना की।
कड़ेल के कार्यों का विवरण
इस ग्राम पंचायत में पांच गांव कड़ेल, डूंगरिया खुर्द,मझेवला, रेवत व गुढा है यहां 12 विभिन्न स्कूल है, दो स्वास्थ्य केन्द्र व दो पशु चिकित्सालय, चार आंगनवाडी केन्द्र हैं, इस क्षेत्र में पोस्ट आफिस, ग्राम पंचायत सहकारी समिति आदि की सुविधा उपलब्ध है । इस ग्राम पंचायत में अब तक 1687 जॉब कार्ड जारी हुए हैं । वर्ष 2008-09 से अब तक चार वर्षों में 93 कार्य स्वीकृत हुए जिनमें 61 पूरे हो गये, 14 प्रगति पर है। 18 कार्य प्रारंभ नहीं हो सके । इन चार वर्षों में दो लाख 65 हजार 849 मानव दिवस रोजगार का सृजन हुआ। 1354 परिवारों ने 100 दिन रोजगार प्राप्त किया तथा अब तक 457.27 लाख रूपये यहां व्यय हुए ।
महिला श्रमिकों ने चांदी के गहने बनवा लिये
अजमेर। पीसांगन पंचायत समिति की प्रधान श्रीमती कमलेश पोकरणा व ग्राम पंचायत कड़ेल की सरपंच श्रीमती सम्पत देवी ने बताया कि मनरेगा शुरू होने के बाद ग्रामीण महिलाओं को पर्याप्त मजदूरी मिलने से 60 प्रतिशत महिलाओं ने चांदी के गहने बनवा लिये हैं और वे अपने परिवार में को बादाम के लड्डू खिलाने लगी हैं। उनके बच्चे भी अब इंगलिश माध्यम के स्कूलों में जाने लगे हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि मनरेगा के कार्यों से गांवों में भूजल स्तर बढ़ा है। कुएं रिचार्ज होने से काश्तकारों को खेती आदि के लिए पानी की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है और सफाई व्यवस्था भी पहले से काफी अच्छी हो गई है । हरित राजस्थान कार्यक्रम में वृक्षारोपण होने से पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिला है और इससे ग्रामीणों का शहर की ओर पलायन भी रुका है।
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